भारत महान है और महान है इसकी संतान | यहाँ राम और कृष्ण जैसे महान पुरुषों ने जन्म लिया है, तो सीता व विदुला जैसी महान नारियों ने भी जन्म लिया है | यहाँ की नारियाँ भी पुरुषों से कम नहीं रही हैं | वे अबला न होकर सबला थीं | ऐसी नारियों में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई का प्रमुख स्थान है |
लक्ष्मीबाई का जन्म सन 1835 में सितारा के निकट 'बाई' नामक गाँव में हुआ था | आप का बचपन का नाम मनुबाई था | उसकी माता का नाम श्रीमती भागीरथी था | उनका निधन जब मनु चार वर्ष की थी, तब हो गया था | मनु के पिता का नाम था मोरोपन्त | मोरोपन्त बिठूर के पेशवा बाजीराव के विश्वासपात्र कर्मचारी थे | मनु बाजीराव के पुत्र नाना के साथ खेला करती थी | वह नाना साहब की मुँह बोली बहन थी |
मनु गुड़ियों से न खेलकर तीर- तलवार आदि से खेला करती थी | उसे घुड़सवारी का भी शौक था | वे तीर - कमान चलाने और नकली किलों को तोड़ने में विशेष आनंद लेती थीं | इस प्रकार मनु ने बचपन में ही शस्त्र चलाना सिख लिया था |
तेरह वर्ष की आयु में ही मनु का विवाह झाँसी के राजा गंगाधर राव के साथ हो गया था | वह झाँसी की रानी बन गई और नाम हो गया - लक्ष्मीबाई | उसे एक पुत्र हुआ जिसकी मृत्यु छोटी अवस्था में ही हो गई | पुत्र की मृत्यु से गंगाधर राव को बहुत शोक हुआ | इसी शोक के कारण उनकी भी मृत्यु हो गई | महारानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रज़ी शासन से दामोदर राव को गोद लेने की इजाज़त मांगी, पर अंग्रजों ने इजाज़त नहीं दी | झाँसी को अंग्रेज़ी राज्य में मिला दिया गया |
अंग्रेज़ों से भारत को स्वतंत्र कराने के प्रयत्न ज़ोरो पर थे | सन 1857 ई. में सेना ने भी अंग्रेज़ों के विरुद्ध विद्रोह कर दिया | मंगल पांडे इसके नेता थे | देशभक्त वीरों ने कानपुर, मेरठ, लखनऊ आदि नगरों पर अधिकार कर लिया और इसके बाद उन्होंने दिल्ली के लाल किले पर भी अपना अधिकार जमा लिया |
लक्ष्मीबाई भी स्वतंत्रता की इस लड़ाई में कूद पड़ीं | उन्होंने अंग्रेज़ी सेना को बुरी तरह हरा दिया | तात्या टोपे और नाना साहब ने भी इस युद्ध में लक्ष्मीबाई का साथ दिया |
लक्ष्मी भाई ने इस युद्ध में अपना रण - कौशल दिखाया | लड़ते समय उनके दोनों हाथों में तलवार होती थी और दांतों में घोड़े की लगाम | उन्होंने दामोदर राव को पीठ पर बांध रखा था |
रानी ने अंग्रेज़ों का जमकर मुकाबला किया | अंग्रेज़ी सेना के उन्होंने दाँत खट्टे कर दिए, पर भेदिए के भेद दे देने के कारण रानी को कालपी जाना पड़ा | रानी चाहती थीं कि ग्वालियर का राजा उनका साथ दे, पर वह विलासी, कायर और निकम्मा था | उसने रानी का साथ नहीं दिया | रानी ने ग्वालियर के किले पर अधिकार कर लिया |
अंगेज़ी सेना रानी का लगातार पीछा कर रही थी | वह सेना भी बहुत बड़ी थी | रानी को अपना घोड़ा दौड़ाना पड़ा | उनका घोड़ा नया था | वह मार्ग में आए नाले को पार नहीं कर सका, अंग्रेज़ी सेना ने उन्हें घेर लिया | रानी ने मरते दम तक मुकाबला किया कर इसी युद्ध में उन्होंने वीरगति पाई |
झाँसी में रानी की समाधि बनी हुई | लोग बड़ी श्रद्धा से उस समाधि पर अपने श्रद्धा सुमन चढ़ाते हैं | जब तक सूर्य और चांद हैं, भारतवासी उनसे प्रेरणा लेते रहेंगे | हमारा उन्हें शत शत प्रणाम |