मुहावरे
जो वाक्यांश अपने साधारण अर्थ से भिन्न एक विशेष अर्थ देते हैं , मुहावरे कहलाते हैं |
कुछ मुहावरे और उनका वाक्य में प्रयोग –
'अ' से शुरू होने वाले मुहावरे
अक्ल पर पत्थर पड़ना - सोचसमझकर किसी कार्य को न करना
वाक्य - सोहम की अक्ल पर पत्थर पड़ गए थे जो उसने इतनी सस्ती किताब अधिक कीमत देकर खरीदी |
अक्ल मारी जाना - बुद्धि नष्ट होना
वाक्य - परीक्षा नज़दीक है फिर भी राहुल टी.वी. देखता रहता है लगता है, उसकी अक्ल मारी गई है |
अक्ल का दुश्मन - मुर्ख
वाक्य - दीपक को कुछ समझ नहीं आता है, वह तो अक्ल का दुश्मन है |
अगर - मगर करना - बहाने बनाना
वाक्य - अगर - मगर करने की क्या ज़रूरत है ? अगर रुपये नहीं देना चाहते, तो साफ़ कह दो |
अच्छे दिन आना - भाग्य चमकना
वाक्य - सुरेश की नौकरी लगने से उसके अच्छे दिन आ गये हैं |
अपना उल्लू सीधा करना - स्वार्थ सिद्ध करना |
वाक्य - आजकल हर कोई अपना उल्लू सीधा करना चाहता है |
आकाश से तारे तोड़ना - असंभव कार्य करना |
वाक्य - कर्मवीर व्यक्ति अपने परिश्रम से आकाश के तारे भी तोड़ लाते हैं |
आकाश - पाताल एक करना - अधिक परिश्रम करना
वाक्य - मोहित ने परीक्षा में प्रथम आने के लिए आकाश पाताल एक कर दिया था |
आकाश को छूना - बहुत ऊँचे उठना
वाक्य - आजकल शहरों में बन रही इमारतें आकाश को छू रही हैं |
आटे में नमक - बहुत कम
वाक्य - रमेश सौदे में उतना ही लाभ कमाता है, जितना आटे में नमक |
आटे - दाल का भाव मालूम होना - वास्तविक कष्ट का पता लगना
वाक्य - राम अब तो ऐश कर रहा है | जब उसकी सारी संपत्ति समाप्त हो जाएगी तब उसे आटे - दाल का भाव मालूम होगा |
आपे से बाहर होना - बहुत क्रोधित होना
वाक्य - रोज़ - रोज़ पड़ोसियों की शिकायतें सुनकर मोहन की माँ आपे से बाहर हो गई |
आसमान सर पर उठाना - बहुत शोर करना |
वाक्य - कक्षा में अध्यापक के न होने पर बच्चे आसमान सिर पर उठा लेते हैं |
आसमान पर थूकना - श्रेष्ठ व्यक्तियों का अपमान करना |
वाक्य - अंकित ने अध्यापक की निंदा करके आसमान पर थोका है |
आसमान से बातें करना - ऊँचाई पर पहुँचना |
वाक्य - बड़े शहरों में इमारतें आसमान से बातें करती नज़र आती हैं |
आस्तीन का साँप - कपटी मित्र
वाक्य - कर्मचंद ने यतींद्र को अपने यहाँ नौकरी दी और उसने कर्मचंद की फैक्ट्री पर ही कब्ज़ा कर लिया | यतींद्र तो आस्तीन का साँप निकला |
आड़े हाथों लेना - खरी - खोटी सुनाना
वाक्य - ऊधो का निर्गुण संदेश सुनते ही गोपियों ने उसे आड़े हाथों लिया |
ओखली में सिर देना - जानबूझ कर मुसीबत मोल लेना
वाक्य - बिना जाने - पहचाने एक व्यक्ति को पैसे देकर मैंने ओखली में सिर दे दिया |
आँख संबंधी मुहावरे
आँख उठाकर न देखना - ध्यान न देना
वाक्य - मैं तुम्हें बुला रहा था, लेकिन तुमने तो आँख उठाकर भी नहीं देखा |
आँखों का तारा - बहुत प्यारा
वाक्य - माँ के लिए उसके बच्चे आँखों के तारे होते हैं|
आँखों का काँटा - अप्रिय व्यक्ति
वाक्य - हमे कभी भी किसी की आँखों का काँटा नहीं बनना चाहिए |
आँख दिखाना - क्रोध करना
वाक्य - अंकित के फ़ैल हो जाने पर उसके पिताजी उसे आँख दिखा रहे थे |
आँखें खुलना - होश में आना
वाक्य - जुए में सब कुछ हारने के पश्चात ही नितेश की आँखे खुलीं |
आँखें चुराना - कतराना
वाक्य - विपत्ति में मित्र से आँखें चुराने वाले सच्चे मित्र नहीं हो सकते |
आँखें बिछाना - स्वागत करना
वाक्य - मेहमान के आने पर आँखें बिछाना भारतीय परंपरा है |
आँखों पर परदा पड़ना - भला - बुरा न समझना
वाक्य - माता - पिता के समझाने पर भी सतीश ने शरारती लड़कों का साथ नहीं छोड़ा क्योंकि उसकी आँखों पर तो परदा पड़ा हुआ है |
आँखें फेर लेना - बदल जाना
वाक्य - सुरेश और रमेश बहुत अच्छे मित्र थे, पर आजकल एकदूसरे को देखकर आँखें फेर लेते हैं |
आँखों से गिरना - सम्मान खो देना
वाक्य - सुरेश चोरी करके सबकी आंखों से गिर गया है |
आँखों में धूल झोंकना - धोका देना
वाक्य - डाकू खड्गसिंह बाबा भारती की आंखों में धूल झोंककर उनके घोड़े सुलतान को ले उड़ा |
आँखों में नींद उतरना - नींद आना
वाक्य - बिस्तर पर जाते ही आँखों में नींद उतरने लगती है |
आँचल पसारना - भीख माँगना
वाक्य - गरीब सभी के सामने अपना आँचल पसारता है |
अंक में भरना - गले लगाना या गोद में बैठा लेना
वाक्य- जब सोहम की मम्मी ऑफिस से आती है, सोहम को अंक में भर लेती है |
अंग - अंग टूटना - बहुत थक जाना
वाक्य- रीना की शादी में उसके पिताजी का अंग - अंग टूट रहा था |
अंग - अंग मुसकराना - बहुत खुश होना
वाक्य- अखिलेश के दौड़ में प्रथम आने पर उसका अंग- अंग मुसकराने लगा |
अंगारे उगलना - बहुत क्रोधित होना
वाक्य- मुहूर्त से पहले ही नए घर के शीशे टूटने से पिता जी अंगारे उगलने लगे |
अंधों में काना राजा - मूर्खों में थोड़ा चतुर
वाक्य - पूरे गाँव में नीलेश ही थोड़ा पढ़ा-लिखा होने के कारण वह अंधों में काना राजा है |
अंधे की लकड़ी - एकमात्र सहारा
वाक्य - श्रवण कुमार अपने माता - पिता की अंधे की लकड़ी था |
अँगूठा चूसना - चाटुकारी करना
वाक्य - मैं तो अपने काम के पैसे ही लेता हूँ, कभी किसी का अँगूठा नहीं चूसता |
अँधेरे घर का उजाला - एकमात्र होनहार संतान
वाक्य - रामू के घर में सिर्फ उसका बेटा रमेश ही कमाता है वह अँधेरे घर का उजाला है |
'ई' से शुरू होने वाले मुहावरे
ईद का चाँद होना - बहुत दिनों बाद दिखाई देना
वाक्य - रीना तो आजकल ईद का चाँद हो गई है |
इधर - उधर की हाँकना - व्यर्थ की बातें करना
वाक्य - रमेश कुछ नहीं करता, सिर्फ इधर - उधर की हाँकता रहता है |
ईंट से ईंट बजाना - नाश कर देना
वाक्य - भारतीय सेना ने कारगिल में पाकिस्तानी सेना की ईंट से ईंट बजा दी |
ईंट का जवाब पत्थर से देना - कठोर जवाब देना
वाक्य - वार्षिक परीक्षा में रोहित ने मोहित को ईंट का जवाब पत्थर से दिया |
'उ' से शुरू होने वाले मुहावरे
उंगली उठाना - बदनाम करना
वाक्य - किसी पर भी उंगली उठाने से पहले स्वयं का आकलन करना चाहिए |
ऊँट के मुँह में ज़ीरा - आवश्यकता से कम
वाक्य - किसी व्यक्ति को उसकी आवश्यकता से बहुत कम वस्तु देना ऊँट दे मुँह में ज़ीरे के समान है |
उल्लू बनाना - मुर्ख बनाना
वाक्य - स्वार्थी व्यक्ति सदैव दूसरों को उल्लू बनाकर अपना स्वार्थ सिद्ध करते हैं |
उल्टी गंगा बहाना - विपरीत कार्य करना
वाक्य - अंकित कभी भी सही कार्य नहीं करता, सदैव उल्टी गंगा बहाता है |
उन्नीस - बीस का अंतर - बहुत कम अंतर
वाक्य - राम - श्याम दोनों भाइयों में सिर्फ उन्नीस - बीस का अंतर है |
'ए' से शुरू होने वाले मुहावरे
एक और एक ग्यारह - संगठन में शक्ति होना
वाक्य - वे चारों दोस्त एक हैं | सभी उनसे डरते हैं | क्योंकि एक और एक ग्यारह होते हैं |
एक पंथ दो काज - एक प्रयत्न से दो कार्य करना
वाक्य - मुंबई जाकर सुरेश से भी मिल लूँगा और साथ ही डॉक्टर को भी दिखा दूँगा | इसे कहते हैं, एक पंथ दो काज |
एक थाली के चट्टे - बट्टे - एक समान होना
वाक्य - इस क्लास के सारे बच्चे बहुत शैतान हैं | सभी एक थाली के चट्टे - बट्टे हैं |
एक आँख न भाना - बिल्कुल पसंद न करना
वाक्य - मुझे हिंसा करने वाले लोग एक आँख नहीं भाते हैं |
एक हाथ से ताली न बजना - दोनों पक्षों का दोष होना
वाक्य - झगड़ा हमेशा दोनों पक्षों की गलती के कारण होता है, एक हाथ से ताली कभी नहीं बजती |
एड़ी चोटी का ज़ोर लगाना - बहुत परिश्रम करना
वाक्य - रश्मि ने C.A. की परीक्षा पास करने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगा दिया |
'क' से शुरू होने वाले मुहावरे
कब्ज़ा कर लेना - अधिकार में लेना |
वाक्य - दुष्ट सेनापति ने राजसिंहासन पर कब्ज़ा कर लिया |
कलेजा ठंडा होना - शांति, संतोष कर लेना
वाक्य - सरकार के अल्पमत होने से विपक्षियों का कलेजा ठंडा हो गया |
कलेजे पर साँप लोटना - ईर्ष्या से जल उठना
वाक्य - रोहन को पुरस्कार मिलने पर राजेश के कलेजे पर साँप लोट गया |
काला अक्षर भैंस बराबर - बिलकुल अनपढ़
वाक्य - उस मज़दूर के लिए काला अक्षर भैंस बराबर है |
कमर संबंधी मुहावरे
कमर कसना - तैयार रहना
वाक्य - बोर्ड की परीक्षा के लिए बच्चो को अपनी कमर कस लेनी चाहिए |
कमर टूटना - हिम्मत टूटना
वाक्य - व्यापार में घाटा हो जाने से सुरेश की कमर ही टूट गई है |
कमर सीधी करना - थकान मिटाना
वाक्य - उस किसान को देखो, सुबह से श्याम तक काम करता है एक मिनट के लिए भी उसे कमर सीधी करने की फुरसत नहीं मिल पाती है |
कान संबंधी मुहावरे
कान का कच्चा - किसी के भी कहने में आ जाना |
वाक्य - अच्छा ही हुआ कि रमेश का तबादला हो गया | वह कान का बड़ा कच्चा था |
कान कतरना - बहुत चालाक होना |
वाक्य - आजकल के बच्चे बड़े - बड़ों के कान कतरते हैं |
कान बहरे होना - ध्यान न देना या अनसुनी करना
वाक्य - समीर के लिए सभी मित्रों ने न जाने अपने कान क्यों बहरे कर लिए हैं ?
कान पर जूँ न रेंगना - कोई ध्यान न देना |
वाक्य - जब शिक्षक पढ़ा रहे थे तब मेरे दोस्त के कान पर जूँ तक भी नहीं रेंग रही थी |
कानों कान खबर न होना - बिलकुल भी मालूम न होना
वाक्य - अपनी योजना पर काम करो पर ख्याल रहे कि किसी को कानों कान खबर न हो |
'ख' से शुरू होने वाले मुहावरे
खाक में मिलना - नष्ट करना
वाक्य - जो दूसरों का बुरा सोचते हैं, वह स्वयं खाक में मिल जाते हैं |
खाक छानना - खूब ढूँढ़ना
वाक्य - राजेंद्र अच्छी नौकरी पाने के लिए खाक छान रहा है, किन्तु उसे नौकरी मिल ही नहीं रही है |
खटाई में पड़ना - काम में रुकावट आना
वाक्य - बाढ़ आ जाने के कारण पुल बनाने का काम खटाई में पड़ गया |
खरी - खोटी सुनना - बुरा - भला कहना
वाक्य - भगवान राम का पक्ष लेने ने कारण रावण ने विभीषण को खरी - खोटी सुनाई |
खिल्ली उड़ाना - व्यंग्य करना
वाक्य - सुमित जब देखो तब रमेश की खिल्ली उड़ाता रहता है |
खून खौलना - क्रोध आना
वाक्य - अमर्यादित कार्यों को देखकर मेरा खून खौलने लगता है |
खुशी के मारे पागल होना - अत्याधिक प्रसन्न होना
वाक्य - जैसे ही रमेश को पता लगा की वह पुरे राज्य में प्रथम आया है, वह तो खुशी के मारे पागल ही हो गया |
खुशी का ठिकाना न रहना - अत्याधिक प्रसन्न होना |
वाक्य - सीमा को टी.वी में देखते ही पुरे गाँव वालो के खुशी का ठिकाना न रहा |
ख़्याली पुलाव पकाना - कल्पना करते रहना
वाक्य - अमिता को काम - धाम तो आता नहीं है, बस ख़्याली पुलाव पकाया करती है |
खून का घूँट पीना - क्रोध को भीतर ही दबाना
वाक्य - मेरी गलती न होने पर भी मुझे पर इल्ज़ाम लगाया गया, तब भी मैं खून का घूँट पीकर रह गयी |
'ग' से शुरू होने वाले मुहावरे
गुड़ - गोबर करना - बने बनाए काम को बिगाड़ देना
वाक्य - अचानक आई वर्षा के कारण शादी का पूरा कार्यक्रम गुड़ - गोबर होकर रह गया |
गोबर गणेश - बिलकुल मुर्ख |
वाक्य - बार- बार समझाने पर भी राहुल प्रश्न का हल नहीं कर पाता है, वह बिलकुल गोबर गणेश है |
गरदन संबंधी मुहावरे
गरदन झुकना - लज्जित होना
वाक्य - चरित्रहीन व्यक्ति एक दिन सारे परिवार की ही गरदन झुका देता है |
गरदन पर सवार होना - पीछे पड़ जाना
वाक्य - अक्षय की मदद क्या कर दी, जब देखो मेरी गरदन पर ही सवार हुआ रहता है |
गले संबंधी मुहावरे
गले का हार - अतयंत प्रिय
वाक्य - बच्चे माता - पिता के गले का हार होते हैं |
गले पड़ना - पीछे पड़ जाना
वाक्य - तुम्हें एक बार उधार क्या दे दिया, जब देखो मेरे गले ही पड़े रहते हो |
'घ' से शुरू होने वाले मुहावरे
घर में गंगा बहना - सुविधा होना
वाक्य - रानी के माता पिता बहुत शिक्षित हैं, उसे कभी भी किसी और शिक्षक की आवश्यकता नहीं पड़ती है | उसके तो घर में गंगा बहती है |
घाट- घाट का पानी पीना - बहुत अनुभवी होना |
वाक्य - महेश तुम अपने गुरूजी से झूठ नहीं बोल सकते हो, वह घाट - घाट का पानी पिए हुए हैं |
घाव पर नमक छिड़कना - दुःख को और बढ़ा देना
वाक्य - रोहिणी में मानवता नाम की चीज़ नहीं है, वह तो बस घाव पर नमक छिड़कना जानती है |
घी के दीये जलना - बहुत खुशी मनाना |
वाक्य - श्री राम के अयोध्या वापस लौटने पर अयोध्यावासियों ने घी के दीये जलाए |
घोड़े बेचकर सोना - निश्चिन्त होकर सोना
वाक्य - विनय परीक्षा का समय निकट है, फिर भी जब देखो घोड़े बेचकर सोते रहते हो |
'च' से शुरू होने वाले मुहावरे
चकमा देना - धोका देना
वाक्य - चोर पुलिस को चकमा देकर कोसों दूर चला गया |
चार चाँद लगाना - शोभा बढ़ाना |
वाक्य - वर्ल्ड कप जीतकर क्रिकेटर्स ने भारत की प्रसिद्धि में चार चाँद लगा दिए हैं |
चाँद पर थूकना - निर्दोष पर दोष लगाना |
वाक्य - पतिव्रता स्त्री के चरित्र पर संदेह करना चाँद पर थूकना ही है |
चैन की बंशी बजाना - बेफिक्र हो जाना |
वाक्य - जैसे ही परीक्षा समाप्त हो गई | सभी बच्चे चैन की बंशी बजाने लगे |
चिकना घड़ा - कुछ असर न होना
वाक्य - राजेश को कितना भी डॉटो उसपर कोई असर नहीं होता , वह तो चिकना घड़ा है |
चौकड़ी भरना - छलाँग लगाना
वाक्य - माँ को देखती ही बछड़ा खूब चौकड़ी भरता है |
'छ' से शुरू होने वाले मुहावरे
छक्के छुड़ाना - बुरी तरह हराना |
वाक्य - हमने उन्हें हराकर उनके छक्के छुड़ा दिए थे|
'ज' से शुरू होने वाले मुहावरे
जान पर खेलना - अपनी जान जोखिम में डालना
वाक्य - देशभक्त नौजवान जान पर खेल कर देश की रक्षा करते हैं |
जी चुराना - काम से बचने के बहाने ढूँढ़ना
वाक्य - बच्चे सदा पढ़ाई से जी चुराते हैं |
'झ' से शुरू होने वाले मुहावरे
झख मारना - लाचार होना
वाक्य - रोहन इस समय केवल झख मरता है |
'ट' से शुरू होने वाले मुहावरे
टस - से - मस न होना - कुछ भी असर न होना |
वाक्य - कितना भी चिल्लाया पर सुरेश तो टस - मस न हुआ |
टूट पड़ना - आक्रमण करना
वाक्य - स्कूल से आते ही मैं खाने पर टूट पड़ता हूँ |
'ड' से शुरू होने वाले मुहावरे
डकार न लेना - रुपया मार लेना
वाक्य - राकेश ने अपने दोस्त से 10,000 रुपये लिए थे, परंतु आज तक डकार नहीं लिया |
डंके की चोट पर - निर्भीक होना
वाक्य - मेरी बात सत्य है, मैं डंके की चोट पर कहता हूँ |
'त' से शुरू होने वाले मुहावरे
तलवे चाटना - खुशामद करना
वाक्य - मीना का अपना कोई व्यक्तित्व नहीं है | वह सदा बॉस के तलवे चाटती रहती है |
तारे गिनना - व्यग्रतापूर्वक प्रतीक्षा करना |
वाक्य - विदेश गए बेटे के लौटने के इंतज़ार में माँ तारे गिन - गिनकर समय निकाल रही है |
तिल का ताड़ करना - छोटी सी बात को बढ़ा - चढ़ाकर कहना
वाक्य - राधिका की तो आदत है, तिल का ताड़ बनाने की |
'द' से शुरू होने वाले मुहावरे
दाल में काला होना - संदेह की बात होना
वाक्य - पड़ोसी के घर में पुलिस को आया देख मैंने सोचा, अवश्य दाल में कुछ काला है |
दाँत संबंधी मुहावरे
दाँत पीसना - बहुत क्रोधित होना
वाक्य - नौकर द्वारा नया कपड़ा जल जाने पर मालकिन दाँत पीसने लगी |
दाँत खट्टे करना - बुरी तरह पराजित करना
वाक्य - क्रिकेट मैच में भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के दाँत खट्टे कर दिए |
दाँतों तले अंगुली दबाना - आश्चर्यचकित होना
वाक्य - ताजमहल के अद्वितीय सौंदर्य को देखकर विदेशी पर्यटक दाँतों तले अंगुली दबा लेते हैं |
'न' से शुरू होने वाले मुहावरे
नौ दो ग्यारह होना - भाग जाना
वाक्य - बिल्ली को देखते ही चूहा नौ दो ग्यारह हो गया |
नाक संबंधी मुहावरे
नाक कटना - प्रतिष्ठा कम होना
वाक्य - एक नामी पहलवान ने हारकर अपनी नाक कट वाली |
नाक काटना - प्रतिष्ठा समाप्त होना
वाक्य - दहेज माँगने पर लड़की के पिता ने लड़के वालों को जेल की ऐसी हवा खिलाई कि बेचारों की नाक ही कट गई |
नाक - भौं चढ़ाना - घृणा दर्शाना
वाक्य - माँ जब भी सुरेश को खाने में करेला देती है तो वह नाक - भौं चढ़ाने लगता है |
नाक में दम करना - बहुत तंग करना
वाक्य - बच्चे अपनी शरारतों से माता - पिता की नाक में दम कर देते हैं |
नाकों चने चबाना - बहुत परेशान करना
वाक्य - ताँत्या टोपे ने अंग्रेजों को नाकों चने चबवा दिए थे |
नाक रखना - मान रखना
वाक्य - पिता द्वारा ली धनराशि ब्याज सहित चुकाकर पुत्र ने अपने परिवार की नाक रख ली |
'प' से शुरू होने वाले मुहावरे
पत्थर की लकीर - पक्की बात
वाक्य - मेरी बात को पत्थर की लकीर समझो, क्योंकि मैं तुम्हें धोखा नहीं दूँगा |
परलोक सिधारना - मृत्यु को प्राप्त होना
वाक्य - दुर्घटना के बाद वह आदमी परलोक सिधार गया |
पहाड़ टूटना - भारी मुसीबत आना
वाक्य - गीता के पिता की मृत्यु होने से उसके ऊपर तो दुखों का पहाड़ ही टूट पड़ा है |
पीठ दिखाना - पीछे हटना
वाक्य - भारतीय सैनिक मर जाएँगे, परंतु शत्रु को पीठ नहीं दिखाएँगे |
'फ' से शुरू होने वाले मुहावरे
फूला न समाना - बहुत प्रसन्न होना
वाक्य - प्रथम आने का समाचार सुनकर मैं फूला नहीं समाया |
'ब' से शुरू होने वाले मुहावरे
बाल बाँका न होना - कुछ भी न बिगड़ना |
वाक्य - सोहम बहुत ऊपर से नीचे आ गिरा , पर उसका बाल भी बाँका नहीं हुआ |
बाएँ हाथ का खेल - आसान काम
वाक्य - इस प्रश्न - पत्र को हल करना तो मेरे बाएँ हाथ का खेल है |
'भ' से शुरू होने वाले मुहावरे
भीगी बिल्ली बनना - डरकर दब जाना
वाक्य - अध्यापक को देखते ही बच्चे भीगी बिल्ली बन जाते हैं |
मुँह संबंधी मुहावरे
मुँह में पानी आना - ललचाना
वाक्य - गरम जलेबी देखते ही मोहन के मुँह में पानी आ गया |
मुँह में खून लगना - बुरी आदत पड़ जाना
वाक्य - महेश लाख कोशिश के बावजूद शराब पीना नहीं छोड़ सकता, क्योंकि उसके मुँह में खून लग चूका है |
मुँह की खाना - हार जाना
वाक्य - कारगिल युद्ध में मुँह की खाने के बाद भी पाकिस्तान नहीं सुधरा |
मुँह पर कालिख पोतना - कलंकित करना
वाक्य - आखिर वही हुआ जिसका डर था | सुरेश ने माता - पिता के मुँह पर कालिख पोत दी |
'र' से शुरू होने वाले मुहावरे
रग - रग में हिम्मत भरना - अत्याधिक साहसी होना
वाक्य - सैनिकों के रग - रग में हिम्मत होती हैं |
रंग में भंग पड़ना - खुशी में बाधा पड़ना
वाक्य - गणेशोत्सव में वर्षा होने से रंग में भंग पड़ गया |
राई का पहाड़ बनाना - छोटी सी बात को बढ़ा - चढ़ाकर कहना
वाक्य - बात बहुत छोटी - सी थी, परंतु तुमने राई का पहाड़ बनाकर अच्छा नहीं किया |
रात-दिन एक करना - कठिन परिश्रम करना
वाक्य - मेरे माता और पिता मेरी अच्छाई के लिए रात-दिन एक कर देते हैं |
'ल' से शुरू होने वाले मुहावरे
लोहे के चने चबाना - कठिन काम करना
वाक्य - सी.ए की परीक्षा देना लोहे के चने चबाने जैसा है |
लाल पीला होना - बहुत गुस्सा होना
वाक्य - संजय के फेल हो जाने पर उसके पिताजी लाल - पीले हो गए |
'स' से शुरू होने वाले मुहावरे
सुख-दुःख का साथी - घनिष्ठ मित्र
वाक्य - राम मेरा सुख-दुःख का साथी है |
सिर पर पाँव रख कर भागना - तीव्र गति से भागना
वाक्य - बिल्ली को देखते ही चूहा सिर पर पाँव रख कर भाग जाता है |
'ह' से शुरू होने वाले मुहावरे
हिम्मत न हारना - साहस न छोड़ना
वाक्य - मुसीबत के समय हिम्मत नहीं हारनी चाहिए |
हिम्मत जवाब देना - हार मान लेना
वाक्य - शेर को देखते ही मुकेश की हिम्मत जवाब दे गई |
हौसला पस्त होना - हिम्मत हारना
वाक्य - सुरेश की परेशानियों ने उसका हौसला पस्त कर दिया है |
हाथ बँटाना - काम में मदद करना |
वाक्य - पायल हमेशा घर के काम में हाथ बाँटती है |
हाथ पर हाथ रखकर बैठ जाना - खाली बैठना
वाक्य - हाथ पर हाथ रखकर बैठ जाने से समस्या का हल नहीं होता है |
हाथ पैर फूलना - घबरा जाना
वाक्य - गीता के ज़रा सी बात पर हाथ - पैर फुल जाते है |
हाथ पाँव ढीले पड़ना - शरीर शिथिल होना |
वाक्य - पहाड़ पर चढ़ते - चढ़ते उसके हाथ पाँव ढीले पड़ने लगे |
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