अव्यय शब्द संस्कृत ज्ञान के लिए
अव्यय शब्दों का ज्ञान होना भी परमावश्यक है। इन शब्दों को
अव्यय इसलिए कहते है, क्योंकि इनमें लिंग, वचन, विभक्ति के अनुसार किसी भी प्रकार का कोई भी परिवर्तन नही होता है।
अव्यय शब्द और उनके अर्थ निम्नलिखित है-
इव | तरह, भाँति |
नूनम् | निश्चय से |
एव | ही |
साम्प्रतम् | अब |
एवम् | इस प्रकार |
वृथा | व्यर्थ |
बिना | बगैर |
अधूना | अब |
यावत् | जब तक |
धिक् | धिक्कार |
तावत् | तब तक |
अद्य | आज |
यत्र | यहाँ |
यदि | अगर |
तत्र | वहाँ |
आदि | वगैरह |
सर्वत्र | सब जगह |
परितः | चारों ओर |
समम् | साथ |
पश्चात् | बाद में |
अलम् | पर्याप्त , बस |
शनैः | धीरे |
ततः | फिर |
अपि | भी |
कदाचित् | कभी |
अवश्यम् | जरुर |
वा | या , अथवा |
वत् | की तरह |
किन्तु | परन्तु , पर |
अतः | इसलिए |
कुतः | कहाँ |
इति | समाप्त |
यतः | जहाँ से , क्योंकि |
पुनः | फिर |
तु | तो |
इतस्ततः | इधर उधर |
यत् | कि |
ततः | इसके बाद |
अथ | आरम्भ |
तर्हि | तो |
बहिः | बाहर |
इदानीम् | अब |
अव्यय शब्दों का संस्कृत वाक्यों में प्रयोग -
अधूना अहम् संस्कृतं पठामि ।
इदानीम् मोहनः गृहे नास्ति ।
त्वम् शीघ्रं मा गच्छ ।
छात्राः प्रातः भ्रमन्ति ।
अहम् कदाचित् पठामि ,कदाचित् लिखामि ।
ते शनैः शनैः गच्छन्ति ।
यावद् अहम् आगच्छामि , तावत् त्वं तत्रैव तिष्ठ ।
ज्ञानम् बिना सुखम् न भवति ।
यदि सः गच्छति तर्हि अहम् अपि गच्छामि ।
त्वं इतस्ततः वृथा किमर्थम् भ्रमसि ।
इस प्रकार
अव्यय शब्दों का प्रयोग संस्कृत वाक्यों में किया जाता है |