हिन्दी से संस्कृत में अनुवाद मैं जाता हूँ - अहम् गच्छामि
अहम् - क्या है ? अहम् का अर्थ है – मैं एकवचन। मैं अर्थात् कर्ता, कर्ता वह होता है जो किसी काम को करता है, मैं, वह, तुम, हम सब. राम, योगेश, प्रिया यह सभी किसी काम को करते है, और सर्वनाम कहलाते है । अहम् – उत्तम पुरुष
मि- उत्तम पुरुष – एकवचन – परस्मैपद वर्तमान काल
गच्छ - धातु गच्छ – जाना । एक क्रिया है - क्रिया उसे कहते है जिस काम को किया जाता है , उसे क्रिया कहते है जैसे – जाना, खाना, पीना, दौड़ना, खेलना ये सभी क्रियाएँ है ।
अब आप देखिये – अहम् - क्या है ? कर्ता
गच्छ – क्या है ? क्रिया। जब हम हिन्दी से संस्कृत में अनुवाद करते है, तब कर्ता और क्रिया दोनों ही - एक ही वचन तथा एक ही काल, एक ही पुरुष, एक ही पद के होना चाहिये। यदि कर्ता एक वचन है तो पुरुष भी एक वचन और क्रिया भी एक ही वचन की होगी। इस प्रकार अहम् गच्छामि, दोनों एक वचन है, एक ही पुरुष है उत्तम पुरुष।
अब हम मिश्रित मिले जुले वाक्यों का प्रयोग करेगें । कुछ शब्दार्थ
जैसे – यदा = जब, तदा = तब, तत्र = वहाँ, यथा = जैसे, तथा = वैसे,
अपि = भी, च = और, किम् = क्या ।
वाक्यों का प्रयोग - यदा बालक: पठति , तदा सः लिखति -
जब बालक पढ़ता है - तब वह लिखता है | आवाम् अपि तत्र गच्छावः -
हम दोनों भी वहाँ जाते है | वयम् अपि सदा प्रातः भ्रमामः -
हम सब भी हमेशा प्रातःकाल घुमते है | जनाः यथा आगच्छन्ति , ते तथा गच्छन्ति -
लोग जैसे आते है, वे वैसे जाते है | किम् त्वम् पठसि लिखसि वा -
क्या तुम पढ़ते अथवा लिखते हो ? युयम् कुत्र गच्छथ ?-
तुम सब कहाँ जाते हो ? वयम् अपि तत्र गच्छामः -
हम सब भी वहाँ जाते है | अहम् यदा क्रिड़ामि तदा न पठामि -
मैं जब खेलता हूँ तब नही पढ़ता हूँ | छात्राः पठन्ति धावन्ति च -
छात्र पढ़ते और दौड़ते है | इस तरह के और बहुत सारे वाक्यों का प्रयोग सिखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें |
https://www.likhopadho.com/sanskrit-mein-vakya-banao?class=0 नीचे तालिका के शब्दों को पढों और फिर इनके ठीक वाक्य बनाओं –
ते वर्षति
मेघः लिखथः
मेघः वर्षति
युवाम् लिखथः
युवाम् क्रिड़सि
त्वम् क्रिड़सि
त्वम् धावामि
आवाम् आगच्छावः
आवाम् वसन्ति
छात्रः पठति
छात्रः पठामः
अहम् धावामि
अहम् आगच्छावः
बालकौ गच्छतः
बालकौ पठति
युयम् लिखथः
युयम् गच्छतः
वयम् पठामः
वयम् खादतः
नीचे दी गई Exercise Set को हल करें |