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Sanskrit


 स्वर किसे कहते है ?
‘स्वर’ का अर्थ है, ऐसा वर्ण जिसका उच्चारण अपने आप हो सके, जिसको उच्चारण के लिए दूसरे वर्ण से मिलने की आवश्यकता न हो। स्वरों का दूसरा नाम ‘अच्’ भी है।

 
व्यंजन
ऐसे वर्ण जिसका उच्चारण बिना किसी दूसरे वर्ण – अर्थात् स्वर से मिले बिना नही किया जा सकता, व्यंजन कहलाते है। ऊपर ‘क’ से लेकर ‘ह’ तक के सारे वर्ण व्यंजन कहलाते है। क में अ मिला हुआ है। इसका शुद्ध रुप केवल क् होगा। व्यंजन का दूसरा नाम ‘इत्’ भी है,इसी कारण व्यंजनमूलक चिन्ह को भी ‘इत्’ कहते है।

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